Your Ad Here

Marathi Humor  

Posted by Vinod Malgewar in

*लहानपणी खेळांविषयी प्रेम असतंतर.........
तारुण्यात प्रेमाचे खेळ सुरू होतात...
---------------------------------------------------------------------
आपली वडीलधारी मंडळी किती चलाख आहेत
आम्हाला ते शिकवतात की ,
'
प्रत्येक स्त्रीला मातेसमान माना'
ठिक आहे
यामुळे आपली नीतीमत्ता सुधारेल
पण
आपल्या वडीलांची बिघडेल त्याचं काय ?

- आचार्य अत्रे
---------------------------------------------------------------------
हल्लीच्या माणसांनी किती ताळतंत्र सोडलायं, काही कल्पना आहे का?...
....
अहो, आपल्या स्वयंसिद्ध बापुंचं प्रवचन सुरु असताना भक्तगणांमधला एकजण चक्क
आरामात सिगरेट ओढत होता... हे दृश्य पाहुन मला एवढा धक्का बसला की हातातला
बिअरचा कॅन निसटून खाली पडला!!!
---------------------------------------------------------------------
* '
सदैव' आणि 'कधीच नाही'
हे शब्द कधीच वापरू नयेत हे सदैव लक्षात ठेवा.

---------------------------------------------------------------------

* पहिले चाक ज्याने शोधून काढले, त्याचे एवढे कौतुक कशाला? इतर तीन ज्यांनी
शोधली, ते खरे कौतुकाला पात्र आहेत!!!!

---------------------------------------------------------------------

* माणसांचीही गंमत असते पाहा. तुम्ही एखाद्या माणसाला सांगा,आकाशगंगेत ३००
अब्ज तारे आहेत.... तो चटकन विश्वास ठेवतो. पण, पार्कातल्या बेंचला नुकताच रंग
लावलाय, तो ओला आहे असं सांगा..... तो स्वत: हात लावून बोटं बरबटवून खात्री करून
घेतल्याशिवाय राहात नाही!!!!
*---------------------------------------------------------------------
का? का? का?

१. पोहणे हा जगातला सर्वात बेस्ट व्यायाम असेल, तर देवमासे इतके जाडे ढोले का
असतात?
२. स्टेडियममध्ये जिथे प्रेक्षक'बसतात' त्या जागेला 'स्टँड'का म्हणतात?
३. जगात सर्वांना स्वर्गात जायचं असतं, पण मरायचं कुणालाच नसतं, असं का?
४. बुद्धिबळाच्या पटावरही वर्णभेद असतो का? नसेल, तर मग पांढऱ्या सोंगट्यांना
पहिली चाल का *
*99
वर्षांची म्हातारी जेव्हा 'हच का नया लाइफटाइम रिचार्ज'घेते!
---------------------------------------------------------------------
आपली चूक असताना जो माफी मागतो, तो प्रामाणिक असतो.
आपली चूक आहे की नाही, याची खात्री नसतानाही जो माफी मागतो, तो शहाणा असतो.
आपली चूक नसतानाही जो माफी मागतो, तो नवरा असतो!!!
----------------------------------------------

-----------------------

प्रोफेसर विसराळू का असतात याचं कारण एका प्रोफेसरांनीच शोधून काढलं. परंतु
नंतर ते कारण प्रोफेसर विसरून गेले.

----------------------------------------------

-----------------------

नकार देणे ही कला असेल. पण,होकार देऊन काहीच न करणे, ही त्याहून मोठी कला आहे.

---------------------------------------------------------------------
मार्क ट्वेन हा अतिशय बुद्धिमान आणि खोचक विनोद करणारा लेखक होऊन गेला.
त्याची काही निरिक्षणे जगप्रसिद्ध आहेत.
त्याचा हा सर्वांगसुंदर विनोद
"
जेंव्हा एक तरुणी एका तरुणाच्या हृदयावर डोके ठेवते ;
तेव्हा मला फ़ार गंमत वाटते .
त्याला हृदय नसतं ;
आणि
तिला डोके नसतं ....." *
**

This entry was posted on Sunday, October 25, 2009 at 10:02 PM and is filed under . You can follow any responses to this entry through the comments feed .

1 comments

Bhaskara  

Isthis realy true?

If it's true than tooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooooo good

December 6, 2010 at 12:43 AM

Post a Comment

Post a Comment